साबुत काजू 50, टुकड़ी 70 रुपए प्रति किलो महंगी
नवरात्रा, दशहरा, दिवाली एवं सर्दी को देखते हुए और तेजी के आसार
जयपुर, 5 अक्टूबर। काजू एवं काजू टुकड़ी की कीमतों में इन दिनों फिर से मजबूती का रुख देखा जा रहा है। डेढ़-दो माह के अंतराल में काजू टुकड़ी 70 रुपए तथा साबुत काजू के भाव 50 रुपए प्रति किलो महंगे हो गए हैं। जयपुर मंडी में वर्तमान में चार टुकड़ी काजू 540 से 545 रुपए तथा काजू दो टुकड़ी 610 से 620 रुपए प्रति किलो बेचा जा रहा है। इसी प्रकार साबुत काजू (डब्ल्यू-320) क्वालिटी 640 रुपए एवं (डब्ल्यू-180) 1200 रुपए प्रति किलो थोक में बिक रहा है। चांदपोल बाजार में किराना एवं ड्राई फ्रूट मार्केट दीनानाथ की गली स्थित फर्म एआरसी के आदर्श पाण्डेय ने बताया कि नवरात्रा, दशहरा, दिवाली एवं आगे सर्दी के मौसम को देखते हुए काजू में और तेजी के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं। वैसे भी दिवाली पर ड्राई फ्रूट्स की डिमांड अपेक्षाकृत अधिक होती है। हालांकि काजू बादाम हों या अखरोट पिस्ता इन सभी मेवों की कीमतें हमेशा ज्यादा ही रहती हैं। इसलिए आम लोगों के लिए इन्हें खरीदना संभव नहीं हो पाता है। ज्यादातर लोअर मिडिल क्लास घरों में ये ड्राई फ्रूट्स शादी-ब्याह के मौके पर या फिर त्योहारों के समय पर ही खरीदे जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ड्राई फ्रूट्स हमेशा इतने महंगे क्यों मिलते हैं। इसकी मुख्य वजह है इनकी खेती करना और पेड़ों की देखभाल करना आसान काम नहीं होता है। वहीं इनकी उत्पादन लागत भी काफी ज्यादा आती है। ड्राई फ्रूट्स में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। ड्राई फ्रूट्स में शरीर के लिए उपयोगी कई तत्व होने के कारण इनकी डिमांड अधिक रहती है। ज्यादातर ड्राई फ्रूट की खेती विशेष प्रकार की जलवायु में ही होती है। हर जगह इनका उत्पादन करना संभव नहीं है। उदाहरण के लिए पिस्ता की खेती अमेरिका में कैलिफोर्निया जैसी मुश्किल परिस्थितियों वाली जगह पर होती है। इसी प्रकार काजू की खेती भारत के गोवा आदि राज्यों में बहुत सीमित स्तर पर होती है। इनकी खेती में खर्चा भी काफी ज्यादा आता है। कई ड्राई फ्रूट्स तो ऐसे होते हैं जिनके पेड़ लगाने के 10-15 साल बाद उन पर फल लगने शुरू होते हैं।