गेहूं के भाव रिकार्ड स्तर पर, 3050 रुपए प्रति क्विंटल पहुंचा
निर्यात पर पाबंदी के बावजूद निरंतर बढ़ रही कीमतें
आटे के भाव 36 से 38 रुपए प्रति किलो, ब्रांडेड आटा 55 रुपए तक
जयपुर, 25 जनवरी। मंडियों में गेहूं की कीमतें इन दिनों रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। एक सप्ताह के दौरान गेहूं 300 रुपए प्रति क्विंटल और महंगा हो गया है। जयपुर मंडी में बुधवार को मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं के भाव 3050 रुपए प्रति क्विंटल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। पिछले साल कम उत्पादन के चलते घरेलू बाजार में गेहूं की कमी हो गई है। यही कारण है कि सरकार गेहूं का एक्सट्रा स्टॉक जारी करने में देर कर रही है। जयपुर मिनी फ्लोर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चौपड़ा ने बताया कि देश में बीते कुछ समय से गेहूं के भाव निरंतर बढ़ रहे हैं। निर्यात पर पाबंदी के बावजूद चालू माह में गेहूं के भाव 10 प्रतिशत तक उछल गए हैं। चालू सीजन के लिए गेहूं का एमएसपी 2125 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि गेहूं एमएसपी से काफी ऊंचा बिक रहा है। गेहूं में तेजी का असर न सिर्फ आटे पर बल्कि इससे तैयार होने वाले सभी उत्पादों पर देखा जा रहा है। चौपड़ा ने कहा कि गेहूं महंगा होने से आटा, मैदा एवं सूजी के भाव एक माह में 15 फीसदी तक बढ़ गए हैं। सरकार से खुले बाजार में गेहूं बेचने की उम्मीद कर रहे रोलर फ्लोर मिल मालिकों ने ऊंचे दामों पर गेहूं खरीदना शुरू कर दिया है। इससे आटा लगातार महंगा हो रहा है। वर्तमान में आटे के भाव 36 से 38 रुपए प्रति किलो पहुंच गए हैं। ब्रांडेड आटा तो 55 रुपए प्रति किलो तक मिलने लगा है। चौपड़ा ने बताया कि सरकारी गोदामों में तकरीबन 115 लाख टन गेहूं है। ये बफर स्टॉक की सीमा 74 लाख टन से मात्र 41 लाख टन ज्यादा है। सरकार ने यदि शीघ्र ही ओपन मार्केट में गेहूं नहीं बेचा तो आटा मैदा के भाव और उछल सकते हैं। ध्यान रहे नया गेहूं मार्च-अप्रैल से पहले नहीं आएगा। उसके बाद ही गेहूं की कीमतें नीचे आने की संभावना है। हालांकि सरकार ने खुले बाजार में गेहूं जारी कर दिया तो भाव पहले भी गिर सकते हैं।