निर्यात मांग से दड़ा गेहूं 100 रुपए प्रति क्विंटल महंगा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव ऊंचे होने से भारतीय गेहूं की कदर बढ़ी
जयपुर, 13 अक्टूबर। घरेलू एवं निर्यात मांग निकलने से स्थानीय थोक मंडियों में गेहूं महंगा हो गया है। चार दिन के दौरान मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं करीब 100 रुपए उछलकर बुधवार को 2130 रुपए प्रति क्विंटल बिक गया। हालांकि दो दिन पूर्व इसके भाव 2140 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गए थे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव ऊंचे होने से भारतीय गेहूं की कदर बढ़ गई है। मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने कहा कि पिछले लगभग ढाई महीने से गेहूं में निर्यात व्यापार हो रहा है। मंडियों में आवक घटने से निर्यातक अक्टूबर व नवंबर शिपमेंट का गेहूं भाव बढ़ाकर खरीद रहे हैं। हालांकि सरकार इस तेजी को रोकने के लिए हरियाणा एवं पंजाब सहित अधिकांश उत्पादक राज्यों से खुले बाजार में गेहूं के टेंडर 2000 रुपए प्रति क्विंटल में छोड़ रही है। वैसे भी गेहूं में आगे की तेजी-मंदी टेंडर पर ही निर्भर करेगी। गेहूं की कीमतें उछलने से आटा, मैदा एवं सूजी में भी 50 रुपए प्रति कट्टे की मजबूती दर्ज की गई है। मुकुल ने बताया कि देश में इस साल गेहूं का उत्पादन अनुमान 1100 लाख टन का आ रहा है। इसमें से सरकार द्वारा 434.24 लाख टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। किसानों एवं कच्ची मंडियों में लगभग 640 लाख टन गेहूं शेष बचा था, जिसमें अब तक फसल को आए छह माह का समय बीत चुका है। इसमें भी प्रधानमंत्री मुफ्त गेहूं योजना के अलावा किसानों द्वारा उत्पादित गेहूं में भी 325 लाख टन खप जाने का अनुमान है। निर्यात में भी काफी गेहूं गया है। इस प्रकार से करीब 240 लाख टन गेहूं किसानों एवं कच्ची मंडियों के पास है। गेहूं की नई फसल आने में अभी लंबा समय बाकी है। इन परिस्थितियों को देखते हुए गेहूं में फिलहाल मंदी के आसार नहीं हैं।