सोयाबीन खल पर स्टॉक सीमा लागू, 30 जून 2022 तक रहेगी
मिलर एवं प्रोसेसर उत्पादन का 90 दिन के बराबर स्टॉक रख सकेंगे
जयपुर, 27 दिसंबर (ब्यूरो रिपोर्ट)। केन्द्र सरकार ने सोयाबीन खल पर हाल ही स्टॉक सीमा लगा दी है। कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध और दलहन के मुक्त आयात की अनुमति मार्च 2022 तक बढ़ाने के बाद केन्द्र सरकार ने सोया खली के स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी है। जिससे इसकी कीमतों पर काबू पाया जा सके। सर्कुलर के मुताबिक सोया खल के मिलर एवं प्रोसेसर अपने उत्पादन का 90 दिन के बराबर स्टॉक रख सकते हैं। वहीं ट्रेडर तथा ट्रेडिंग कंपनी सिर्फ 160 टन सोया खल घोषित भंडारण केन्द्रों पर रख सकते हैं।
केन्द्र ने एक बयान में कहा कि इस फैसले से केन्द्र एवं सभी राज्य सरकारों, केन्द्र शासित प्रदेशों को सोया खली के उत्पादन तथा वितरण आदि का अधिकार मिलेगा। स्टॉक रखने की सीमा 30 जून 2022 तक लागू रहेगी। उल्लेखनीय है कि सोयाबीन की पेराई से सोया खल बनती है, जो कि पॉल्ट्री में चारे के रूप में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख सामग्री है। भारतीय सोया खली की वैश्विक बाजार में भी ज्यादा डिमांड है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारत ने 15.6 लाख टन सोयाबीन खल का निर्यात किया। बता दें सोयाबीन की पेराई में 80 प्रतिशत खल तथा करीब 20 प्रतिशत तेल निकलता है। ध्यान रहे इस साल अप्रैल से अगस्त के बीच सोया खली की दरें 60 फीसदी तक उछल गईं थी।