एमएसपी से 400 रुपए प्रति क्विंटल नीचे बिक रही सोयाबीन
देश में इस साल 115 लाख टन सोया उत्पादन का अनुमान
जयपुर, 9 अक्टूबर। देश में इस वर्ष तकरीबन 115 लाख टन सोयाबीन उत्पादन का अनुमान है, जबकि पिछले साल 95 लाख टन सोयाबीन की पैदावार हुई थी। उत्पादन के ये आंकड़े इंदौर में हाल ही आयोजित इंटरनेशनल सोया कॉन्क्लेव में सोयाबीन प्रोसेशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) द्वारा जारी किए गए। बता दें वर्तमान में सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3399 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि मंडियों में सोयाबीन फिलहाल 2900 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है। यानी किसान को करीब 400 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है। गोयल प्रोटीन्स के निदेशक पंकज गोयल ने बताया कि नई सोयाबीन में अभी 11 से 12 प्रतिशत नमी आ रही है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं अन्य राज्यों की मंडियों में सोयाबीन की दैनिक आवक छह लाख बोरी पहुंच गई है। यही कारण है कि सोया रिफाइंड तेल के भाव भी निरंतर टूट रहे हैं। गोयल ने कहा कि सोयाबीन प्रोसेसिंग प्लांट्स पर केन्द्र सरकार की नई नीति के तहत किसानों से सीधी खरीद के लिए एकल मंडी लाईसेंस आंशिक शुल्क दर के साथ जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोयाबीन एवं सोयामील (डीऑयल्ड केक) पर पांच प्रतिशत जीएसटी को कर मुक्त श्रेणी में डालकर किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है। निर्यात के लिए कम ब्याज दर पर बैंक द्वारा समुचित वर्किंग कैपिटल उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और उत्पाद की लागत मूल्य में कमी आएगी।
सरसों सीड में आ रही गिरावट
सोयाबीन की पैदावार अधिक होने तथा मंडियों में आवक बढ़ने से इन दिनों सरसों सीड भी लगातार टूट रही है। चार-पांच दिन के अंतराल में सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन 150 रुपए मंदी होकर 4230 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास आ गई है। मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के अनिल चतर ने बताया कि सरसों तेल को ग्राहकी समर्थन नहीं मिला तो सरसों सीड की कीमतें और टूट सकती हैं। उल्लेखनीय है कि नवरात्रा एवं दशहरा सामने है, लेकिन खाने के तेलों में ग्राहकी नगण्य बनी हुई है।