बिकवाली दबाव से लालमिर्च 30 रुपए प्रति किलो टूटी
गुंटूर तेजा डंडीकट 300, तेजा पत्ता 140 रुपए प्रति किलो बिकी
जयपुर, 27 अप्रैल। बिकवाली दबाव के चलते इन दिनों लालमिर्च की कीमतों में गिरावट का रुख देखा जा रहा है। यही कारण है कि करीब तीन सप्ताह के अंतराल में लालमिर्च के भाव करीब 30 रुपए प्रति किलो नीचे आ गए हैं। जयपुर मंडी में गुरुवार को गुंटूर तेजा डंडीकट मिर्च 300 रुपए तथा गुंटूर तेजा पत्ता 140 रुपए प्रति किलो पर घटाकर बेचा जा रहा है। आपको बता दें आंध्र प्रदेश का गुंटूर जिला लालमिर्च उत्पादन में देश भर में फेमस है। गुंटूर जिले में मुख्य रूप से सनम मिर्च की खेती होती है। आंध्र प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 तक गुंटूर सनम मिर्च के निर्यात को बढ़ाने का फैसला किया है। वर्तमान में सनम मिर्च का सालाना निर्यात 3502 करोड़ रुपए है, जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 4661 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस प्रस्ताव के तहत गुंटूर को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाएगा। स्थानीय राजधानी कृषि उपज मंडी कूकरखेड़ा स्थित प्रमुख फर्म बद्री प्रसाद माधोलाल के लक्ष्मीनारायण डंगायच ने बताया कि गुंटूर सनम मिर्च को जीआई टैग मिल चुका है। वर्तमान में गुंटूर से चीन, थाईलैंड और बांग्लादेश सहित 20 से अधिक देशों में मिर्च का निर्यात किया जा रहा है। इन देशों में मिर्च पाउडर, बीज और मिर्च का तेल जैसे विभिन्न उत्पादों का एक्सपोर्ट किया जाता है। डंगायच ने कहा कि इस बार उत्पादन कम होने से सीजन में मिर्च 60 से 65 रुपए प्रति किलो महंगी हो गई थी। मगर उसके बाद दक्षिण भारत की मंडियां एक माह बंद होने के पश्चात खुलते ही आवक दबाव बन गया था। लिहाजा मुनाफावसूली की बिकवाली शुरू होते ही मिर्च के भाव गिरने लगे। मिर्च की नई फसल आने में लंबा समय बाकी है। बरेली लाइन की आने वाली मिर्च की फसल भी कमजोर बताई जा रही है। यही वजह है कि मिर्च में अब और मंदे की गुंजाइश नहीं है। उपभोक्ता लिवाली एवं स्टॉक पोजीशन को देखते हुए मिर्च में फिर से मजबूती के संकेत हैं।