सूखी पिचका मटर के भावों में 8 रुपए प्रति किलो की गिरावट
थोक में 38 रुपए किलो बिकी, सफेद मटर का आयात खुलने से नीचे आई कीमतें
जयपुर, 29 दिसंबर। सफेद मटर का आयात खुलने से इन दिनों सूखी हरी पिचका मटर की कीमतों में जोरदार गिरावट देखी जा रही है। वर्तमान में सूखी पिचका मटर के भाव जयपुर मंडी में 38 रुपए प्रति किलो थोक में रह गए हैं। एक माह के दौरान इसमें करीब 8 रुपए प्रति किलो की नरमी दर्ज की गई है। ज्ञात हो पिछले साल इन्हीं दिनों में पिचका मटर की कीमतें 30 रुपए प्रति किलो के आसपास थीं। स्थानीय राजधानी कृषि उपज मंडी कूकरखेड़ा स्थित फर्म रोहित ब्रोकर एजेंसी के महेश चंद गुप्ता ने बताया कि कुछ दिनों पहले कनाड़ा से आयात होने वाली सफेद मटर की कीमतों में भी अच्छी गिरावट आ गई है। परिणामस्वरूप हरी पिचका मटर में भी निरंतर मंदी का रुख बना हुआ है। गुप्ता ने कहा कि हालांकि इस साल पिचका मटर की पैदावार तकरीबन 35 फीसदी से अधिक नहीं है, लिहाजा पिचका मटर का भविष्य आगे तेजी का ही रहेगा। यूं तो मटर की खेती पूरे भारत में की जाती है। मटर भारत की शीतकालीन सब्जियों में से एक है। वैसे तो यह भारत के हर राज्य में उगाई जाती है, लेकिन मटर उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश भारत के सभी राज्यों में अव्वल है। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्य ऐसे हैं, जहां भारत की कुल प्रतिशत में 85 प्रतिशत मटर का उत्पादन होता है। आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में मटर का कितना उत्पादन होता है। साथ ही जानते हैं कि मटर के उत्पादन के मामले में देश के टॉप पांच राज्य कौन-कौन से हैं। मटर उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश का अव्वल राज्य है। यहां की जलवायु मटर के उत्पादन के लिए अनुकूल है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाली मटर में से उत्तर प्रदेश में अकेले 50 प्रतिशत मटर का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, पंजाब, झारखंड और हिमाचल प्रदेश में भी मटर की खेती बहुतायत रूप से की जाती है। हम यहां बात कर रहे हैं पिचका मटर की। पिचका मटर उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के जालौन, ऊरई, कोच, कोरियागंज, रतलाम, अलीगढ़, जसवंत नगर, जावरा, मंदसौर आदि मंडियों में उगाई जाती है। इस बार पिचका मटर की पैदावार काफी कम बताई जा रही है। नई पिचका मटर फरवरी में आएगी।