अब कोटा एवं भरतपुर मंडी पर आधारित हैं सरसों के भाव
तीन दिन के अंतराल में 300 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट
जयपुर, 10 जनवरी। मौसम खुलने से स्थानीय तेल तिलहन बाजार में सरसों एवं इसके तेल में फिर से मंदी का रुख देखा जा रहा है। जयपुर मंडी में सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन सोमवार को 200 रुपए और नीचे आकर 7525 रुपए प्रति क्विंटल रह गई। दो-तीन दिन में सरसों में करीब 300 रुपए प्रति क्विंटल निकल गए। उल्लेखनीय है कि सरसों सीड का कारोबार अब ऑनलाइन यानी एनसीडैक्स पर बंद हो गया है। परिणामस्वरूप सरसों के हाजिर भाव ही प्रभावी हो रहे हैं, जबकि पूर्व में एनसीडैक्स पर वायदा भावों के अनुरूप सरसों के हाजिर भाव चलते थे। कोटा मंडी स्थित महेश एडीबल ऑयल द्वारा सरसों के भाव दोपहर एक बजे के आसपास निकाले जाते हैं। इसी प्रकार भरतपुर मंडी में भी सरसों का ऑक्शन दोपहर 12.30 बजे के करीब होता है। इन मंडियों में भाव खुलने के बाद ही जयपुर मंडी में सरसों सीड की कीमतें निकाली जाती हैं।
दो दिन पहले निरंतर बारिश होने से सरसों सीड में तेजी आ गई थी। जो कि अब धूप निकलने से फिर से मंदी का माहौल बना हुआ है। जानकारों का कहना है कि इस बार देश में सरसों का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है। लिहाजा सरसों व सरसों तेल में इस साल मंदी का रुख बन सकता है। फसल वर्ष 2021-22 के रबी सत्र के दौरान सरसों के उत्पादन में रिकार्ड बढ़ोतरी हो सकती है। अनुमान के मुताबिक देश में सरसों का उत्पादन 29.41 प्रतिशत बढ़कर 110 लाख टन होने की उम्मीद है। पैदावार में रिकार्ड बढ़ोतरी का अनुमान बिजाई के रकबे में बढ़ोतरी से लगाया जा रहा है। दूसरी ओर मूंगफली फिल्टर एवं रिफाइंड तेल की कीमतें सरसों तेल से काफी नीचे चल रही हैं। नई मूंगफली की आवक होने से इसके तेल में फिलहाल तेजी के आसार नहीं हैं।