सरसों सीड में गिरावट शुरू, दो दिन में 350 रुपए टूटी
नई सरसों की आवक में करीब चार माह का समय लगेगा
जयपुर, 9 नवंबर। तेल मिलों की मांग घटने तथा स्टॉकिस्टों की बिकवाली के चलते सरसों सीड में गिरावट शुरु हो गई है। दो दिन के अंतराल में सरसों सीड 350 रुपए प्रति क्विंटल टूट गई है। मंगलवार को सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव 8150 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। एगमार्क सरसों तेल भी घटाकर बोला गया। गौरतलब है कि पिछले दिनों सरसों एवं सरसों तेल में आई भारी तेजी के बाद सरकार द्वारा सरसों वायदे के अगाऊ सौदों पर रोक लगा दी गई। यही कारण रहा कि सरसों में आई भारी तेजी की वजह से किसानों का रुझान सरसों की बिजाई की ओर बढ़ा है। देश में सरसों की पैदावार राजस्थान में सर्वाधिक होती है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों में भी सरसों का उत्पादन होता है। जानकारों का कहना है कि इस साल राजस्थान एवं गुजरात में सरसों का बिजाई रकबा बढ़ने की संभावना है। हालांकि अभी सरसों की बिजाई प्रारंभ ही हुई है। नई सरसों आने में करीब चार माह का समय लगेगा। यद्दपि देश में काफी सरसों की पेराई हो चुकी है, लिहाजा सरसों सीड का स्टॉक बहुत अधिक नहीं है। वर्तमान हालात को देखते हुए नई सरसों आने तक कीमतों में लंबी मंदी के आसार नहीं हैं। सरसों के भाव सीमित दायरे में घूमते रह सकते हैं। आंकड़ बताते हैं कि इस साल 31 अक्टूबर तक देश में लगभग 72 लाख टन सरसों की पेराई हो चुकी है। इसे देखते हुए किसानों, स्टॉकिस्टों एवं तेल मिलों के पास सरसों का स्टॉक ज्यादा नहीं है। लिहाजा कहा जा सकता है कि फरवरी-मार्च तक सरसों के भाव 7500 से 7800 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास घूमते रह सकते हैं।