उम्मीद के अनुरूप नहीं घटे सरसों सीड के भाव
देश की मंडियों में दैनिक आवक 12 लाख बोरी से घटकर 5 लाख बोरी
जयपुर, 3 अप्रैल। पिछले दिनों देश की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 12 लाख बोरी के पार निकल गई थी। मगर वर्तमान में यह घटते-घटते 5 लाख बोरी के आसपास आ गई है। वजह क्या है। क्या देश में सरसों का उत्पादन कम हुआ है। नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है। व्यापारिक संगठनों के अनुसार देश भर में सरसों की पैदावार 115 लाख टन के आसपास ही है, लेकिन सरसों की कीमतें और बढ़ने की संभावना से किसानों ने माल रोक लिया है। सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन अभी भी 7200 रुपए प्रति क्विंटल के करीब ही घूम रही है। माना जा रहा था, कि नई फसल आने के साथ ही सरसों के भाव घट जाएंगे। मगर ऐसा उम्मीद के अनुरूप नहीं हुआ। जो उम्मीद थी उतने भाव नीचे नहीं आ सके, बल्कि आवक घटने के साथ-साथ सरसों सीड बढती ही गई। हालांकि यूक्रेन और रूस में जंग जारी रहने के कारण आयातित तेलों की कीमतों में तेजी का रुख बना रहा। लेकिन पिछले दिनों स्टॉकिस्टों की मुनाफावसूली के चलते विदेशी तेलों के भाव भी दबना शुरू हो गए। वर्तमान में सोयाबीन रिफाइंड तेल में 100 से 150 रुपए प्रति टिन की गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच एनसीडैक्स ने रिफाइंड कैस्टर ऑयल के वायदा अनुबंध में कारोबार शुरू कर दिया है। फिलहाल इसे चार माह की एक्सपायरी के साथ अप्रैल से जुलाई 2022 के लिए प्रारंभ किया गया है। एनसीडैक्स पर कैस्टर सीड का अनुबंध पहले से ही चल रहा है। रिफाइंड कैस्टर् ऑयल वायदा आरंभ होने से एनसीडैक्स की वायदा श्रेणी में कैस्टर कॉम्पलैक्स का और विस्तार हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारत से वर्ष 2018 में 5 लाख 47 हजार टन अरंडी तेल का निर्यात हुआ, जो कि वर्ष 2021 में बढ़कर 6 लाख 85 हजार टन पहुंच गया। यह वैश्विक आपूर्ति का करीब 90 प्रतिशत है।