कोरोनाकाल में बढ़ी सरसों तेल की डिमांड
पाइपलाइन खाली होने से 6500 रुपए बिक सकती है सरसों सीड
जयपुर, 20 नवंबर। उत्तर भारत में सर्दी का प्रकोप बढ़ने से इन दिनों सरसों तेल की डिमांड में जोरदार इजाफा हुआ है। परिणामस्वरूप सरसों एवं सरसों तेल के भावों में निरंतर तेजी का रुख देखा जा रहा है। जयपुर मंडी में सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन 6325 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के भाव बढ़ने तथा डोमेस्टिक मार्केट में पाइपलाइन खाली होने से सरसों में और तेजी के आसार बताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि इस बार सरसों के ऊंचे भाव देखकर किसानों ने सरसों की बिजाई सभी राज्यों में गत वर्ष के मुकाबले करीब 40 फीसदी अधिक की है। हालांकि बिजाई के स्पष्ट आंकड़े अभी पूरी तरह सामने नहीं आए हैं। कोरोनाकाल में सरसों तेल की डिमांड बनी रहने तथा नई सरसों आने में अभी करीब चार माह का समय होने के कारण सरसों सीड कंडीशन 6500 रुपए प्रति क्विंटल के पार जा सकती है। ऐसा अनुमान व्यापारिक क्षेत्रों में व्यक्त किया जा रहा है। मौसम भी इस बार अनुकूल चल रहा है, क्योंकि सर्दी पहले ही शुरू हो गई है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में पिछले दिनों बरसात होने से भी सरसों की बोई हुई फसल को लाभ मिला है। आगे भी मौसम अनुकूल रहा तो इस वर्ष सरसों की पैदावार बंपर होने वाली है। मगर वास्तविक उत्पादन का अंदाजा जनवरी-फरवरी के मौसम पर ही निर्भर करेगा। जानकारों का कहना है कि पुराना स्टॉक नहीं होने से सरसों एवं इसके तेल में अभी और तेजी आएगी।