लॉकडाउन की बंदिसों ने बिगाड़ा आम का जायका
थोक में 120 से 160 रुपए प्रति किलो बिक रहा हापुस
जयपुर, 25 अप्रैल। क्या आम, क्या खास, कोरोना ने सबको बुरी तरह प्रभावित किया है। हर कारोबार की तरह इस बार आम का बिजनेस भी प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन के चलते उत्पादन केन्द्रों से आम की आवक में 75 फीसदी की कमी चल रही है। यही कारण है कि आम पिछले साल की तुलना में फिलहाल महंगा मिल रहा है। गत वर्ष मुहाना मंडी में सफेदा आम के थोक भाव इन्हीं दिनों में 30 से 40 रुपए प्रति किलो थे, जो कि वर्तमान में 40 से 50 रुपए प्रति किलो चल रहे हैं। यही आम खेरुज में 80 से 100 रुपए प्रति किलो तक बेचा जा रहा है। मुहाना मंडी के कारोबारी लक्ष्मीनारायण भौंरीलाल के नवलकिशोर अग्रवाल ने बताया कि हापुस आम भी इस बार 120 से 160 रुपए किलो थोक में बिक रहा है। पिछले साल इसके भाव 80 से 120 रुपए प्रति किलो थे।
आम के उत्पादन में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है। पिछले साल देश में 1 करोड़ 75 लाख टन आम की पैदावार हुई थी। इस बार लॉकडाउन के कारण आम की पैदावार पर असर पड़ा है। फल व सब्जी मंडी मुहाना टर्मिनल मार्केट के अध्यक्ष राहुल तंवर ने कहा कि लॉकडाउन की बंदिशों ने इस साल आम उत्पादक किसानों का जायका बिगाड़ दिया है। डोमेस्टिक मार्केट की सप्लाई चेन टूट गई है। वर्तमान में इससे सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र। जहां आम अब तैयार है लेकिन उसकी बिक्री नहीं हो पा रही। वजह है कोरोना। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में कृषि गतिविधियों को जारी रखने की छूट दी हुई है, लेकिन इसके लिए किसानों को कोई पास नहीं मिल रहा है। देश में सबसे उम्दा किस्म और महंगा आम अल्फांसो (हाफुस) का उत्पादन करने वाले महाराष्ट्र के किसान इसे एक्सपोर्ट न कर पाने की वजह से परेशान हैं। कोरोना प्रभावित कई देशों में निर्यात नहीं हो पा रहा। ऐसे में वे स्थानीय मार्केट में एक तिहाई दाम पर बेचने को मजबूर हैं।