बिजाई रकबा घटने से काबली चने में तेजी के संकेत

जयपुर, 22 फरवरी। इस साल बिजाई रकबा 30 फीसदी घटने से काबली चने में मंदी के आसार समाप्त हो गए हैं। देश में इस वर्ष काबली चने का उत्पादन 2.75 लाख टन होने की संभावना है, जबकि पिछले साल देश में करीब 4 लाख टन काबली चने की पैदावार हुई थी। ब्रोकर पिंटू अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2019 के अंत तक काबली चने का स्टॉक 47 हजार टन बचा था। चालू सीजन के 2.75 लाख टन के उत्पादन और 47 हजार टन को मिलाकर इस सीजन में 3.20 लाख टन काबली चने की उपलब्धता रहेगी। ध्यान रहे वर्ष 2018 में देश में 6.25 लाख टन काबली चने का उत्पादन हुआ था। अग्रवाल ने बताया कि निर्यात, बीज एवं घरेलू खपत को मिलाकर हमें लगभग 4.50 लाख टन काबली चने की जरूरत होगी। जबकि हमारे पास कैरीओवर स्टॉक को मिलाकर कुल 3.20 लाख टन काबली चना ही बचेगा। इसे देखते हुए काबली चने में तेजी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। राजधानी कृषि उपज मंडी कूकरखेड़ा में शनिवार को काबली चना बादाम 5250 रुपए तथा सच्चा हीरा 5500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बिका। इसी प्रकार मध्य प्रदेश का 1001 एवं 2001 क्वालिटी काबली चने के भाव क्रमश: 5500 रुपए एवं 6500 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूत बोले गए। उधर मैक्सिको में भी इस बार काबली चने का उत्पादन कमजोर होने की खबरें मिल रही हैं।