सरसों व इसके तेल पर जीएसटी समाप्त किया जाए
केन्द्र सरकार के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में कुईट ने दिए सुझाव
जयपुर, 25 मई। दी सैंट्रल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (कुईट) ने सरकार को सुझाव दिया है कि आयातित खाद्य तेलों पर से इम्पोर्ट ड्यूटी तथा एग्री सैस खत्म नहीं किया जावे। क्योंकि ऐसा करने से किसान हतोत्साहित होगा और उसका विश्वास भी कम हो जाएगा। कुईट ने कहा है कि सरकार को सरसों एवं तेल पर लागू जीएसटी समाप्त कर देना चाहिए। ऐसा करने से किसान एवं उपभोक्ता दोनों को ही फायदा मिलेगा। अभी उपभोक्ता को सरसों व सरसों तेल पर जीएसटी के रूप में सात से आठ रुपए प्रति किलो चुकाने पड़ रहे हैं। इसके साथ ही सरकार देश के खाद्य तेल निर्माता, रिफाइनर तथा मिलर्स से तेल खरीदकर अपने पास बफर स्टॉक बनाकर बीपीएल कार्ड धारकों को पीडीएस सिस्टम द्वारा देने की व्यवस्था कर सकती है। उपभोक्ता मामले एवं खाद्य वितरण मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकारियों के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में कुईट प्रेसिडेंट बाबूलाल डाटा के अलावा अनिल चतर, गजेन्द्र झा, सुरेश नागपाल, सुनील अरोड़ा, महेश गोयल तथा के.के. गोयल ने हिस्सा लिया। डाटा ने कहा कि हमें यह मालुम है कि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें पिछले एक हफ्ते में कम हुई हैं, मगर इसका लाभ उपभोक्ता तक पहुंचने में अभी करीब एक सप्ताह और लग सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज तथा सेबी पर भी लगाम लगाकर सीड और तेल पर सर्किट लिमिट को कम करना चाहिए। इस व्यवस्था से ट्रेडर्स इसका नाजायज फायदा नहीं उठा सकेंगे।