इस वर्ष लहसुन की पैदावार 40 फीसदी कम
जोरदार तेजी के संकेत
जयपुर, 20 फरवरी। उत्पादन केन्द्रों पर इस वर्ष लहसुन की पैदावार 30 से 40 फीसदी तक कम बताई जा रही है। लिहाजा उत्पादक मंडियों में लहसुन का आवक दबाव भी नहीं बन पा रहा है। उत्तर प्रदेश की टूंडला, शिकोहाबाद तथा मध्य प्रदेश की भिंड, मुरैना, मंदसौर, नीमच, पिपलिया एवं ग्वालियर आदि मंडियों में इस बार लहसुन की फसल 30 प्रतिशत कम आई है। गौरतलब है कि देश में कुल उत्पादन का 70 फीसदी लहसुन उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में होता है। इस समय जयपुर मंडी में नया लहसुन 35 से 40 रुपए प्रति किलो मोटा एवं 28 से 32 रुपए प्रति किलो मीडियम लहसुन थोक में बिक रहा है, जबकि पुराने लहसुन की आवक लगभग समाप्त हो गई है। राजधानी कृषि उपज मंडी में बद्रीनारायण माधोलाल के लक्ष्मीनारायण डंगायच का कहना है कि पुराना लहसुन लगभग खत्म हो चुका है तथा नए लहसुन की पैदावार कमजोर है। मौसम प्रतिकूल होने से उत्पादन केन्द्रों से नुकसान की खबरें भी आ रही हैं। इस बीच राजस्थान सहित दिल्ली, हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश से लहसुन की चालानी मांग बराबर बनी हुई है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि इस बार लहसुन की कीमतें दुगुनी भी पहुंच सकती हैं। उधर बिहार व बंगाल में भी लहसुन की पैदावार कमजोर है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल मध्य प्रदेश की मंडियों में इन दिनों 1 लाख बोरी नया लहसुन आ रहा है, जो कि वर्तमान में सिर्फ 60 हजार बोरी ही आ रहा है। खुदरा में नए लहसुन की कीमतें 60 से 70 रुपए प्रति किलो तक चल रही हैं।