इस साल देश में डेढ़ करोड़ बोरी धनिया उत्पादन का अनुमान
मशीनक्लीन ईगल कोटा 77 रुपए प्रति किलो जीएसटी पेड बिका
जयपुर, 7 अप्रैल। ज्यादा पैदावार होने की वजह से पिछले तीन-चार माह के दौरान धनिये की कीमतों में अच्छी गिरावट आ चुकी है। यद्दपि धनिये के भावों में इन दिनों हल्का सुधार आकर भाव लगभग स्थिर हो गए हैं। खपत बराबर बनी हुई है। मगर देश में धनिये का उत्पादन बेहतर होने के कारण व्यापारियों में मानसिक मंदी घर कर गई है। हालांकि आने वाले दिनों में मांग का प्रभाव भी भावों पर दिखाई देने लगेगा। राजधानी कृषि उपज मंडी कूकरखेड़ा स्थित प्रमुख फर्म श्रीनाथ ब्रोकर्स के प्रमोद मेड़तवाल ने बताया कि वर्तमान में धनिया मशीनक्लीन ईगल कोटा के भाव 77 रुपए प्रति किलो जीएसटी पेड पर लगभग स्थिर बोले जा रहे हैं। इसी प्रकार धनिया स्कूटर मशीनक्लीन कोटा 85 रुपए प्रति किलो जीएसटी पेड में व्यापार हो रहा है। इस साल धनिये की फसल पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना यानी डेढ़ करोड़ बोरी के आसपास बताई जा रही है। मेड़तवाल ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं गुजरात की मंडियों में इन दिनों लगभग डेढ़ लाख बोरी धनिया प्रतिदिन उतर रहा है। उधर धनिये का उत्पादन यूक्रेन, बुलगारिया एवं रूस में भी होता है। विदेशी धनिये में तेल की मात्रा ज्यादा होती है। लिहाजा मसाले बनाने वाले बड़ी मात्रा में इसका उपयोग नहीं कर सकते हैं। जानकारों के अनुसार यूक्रेन का धनिया सस्ता होने से मसाला निर्माता इसको पसंद करते हैं। इस साल यूक्रेन, बुलगारिया एवं रूस में धनिये की फसल 60 फीसदी बताई जा रही है। जून-जुलाई में इसकी कटाई शुरू होती है। राजस्थान में धनिये का उत्पादन रामगंजमंडी, बारां, भवानी मंडी एवं आसपास के कुछ क्षेत्रों में होता है। मध्य प्रदेश में गुना, कुंभराज, बीनागंज, उज्जैन, आगर, सुसनेर, जीरापुर, माचलपुर एवं कुछ मात्रा में नीमच के आसपास के क्षेत्रों में होता है। गुजरात में गोंडल, जूनागढ़ एवं सौराष्ट्र धनिया उत्पादन के बड़े क्षेत्र हैं। मेड़तवाल बताते हैं कि खड़ा धनिया हरा रंगदार अच्छी कीमत पर बिकता है, जबकि बादामी और ईगल कुछ कम भाव पर बिकते हैं।