लोहा इस्पात की घरेलू बिक्री में दिखने लगा सुधार
जयपुर, 20 जून। कोरोना वैश्विक महामारी की रोकथाम हेतु किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद पहले चरण के अनलॉक के दौरान औद्योगिक गतिविधियां शुरू होने के साथ ही लोहा-इस्पात की घरेलू बिक्री में मामूली सुधार दिखने लगा है। निजी क्षेत्र की इस्पात कंपनियों ने मई से जून की अवधि के दौरान घरेलू बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की है। यूनाईटेड काउंसिल ऑफ राजस्थान इंडस्ट्रीज (यूकोरी) के अध्यक्ष एवं श्री कृष्णा रोलिंग मिल्स जयपुर लिमिटेड के डायरेक्टर विनोद गुप्ता ने बताया कि ग्रामीण बाजारों में ट्रैक्टरों, मोटरसाइकिलों और टिन की चादर जैसे उत्पादों की बिक्री से सुधार को रफ्तार मिली। मौजूदा मांग मुख्य तौर पर बुनियादी ढांचा क्षेत्र से आ रही है। हालांकि देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों के शहरी क्षेत्रों में निर्माण काफी हद तक थम सा गया है, जिसे शुरू होना अभी बाकी है।
गुप्ता ने कहा कि लेबर प्रॉब्लम के कारण हालांकि कारखानों में उत्पादन अभी पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है। मगर फिर भी उत्पादन को रफ्तार मिलने लगी है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए लोहे की बिक्री में कितना सुधार हो पाएगा, यह कहना फिलहाल मुश्किल है। इक्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल में घरेलू मांग में 87 फीसदी की कमी आई थी, जबकि महीने के दौरान उत्पादित कुल तैयार इस्पात के प्रतिशत के रूप में निर्यात 28 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गया। भाव इस प्रकार रहे:-
सरिया प्रति टन जीएसटी पेड। प्रीमियर 8 एमएम 47500, 10 एमएम 46500, 12 एमएम 44500 रुपए। कृष्णा 8 एमएम 47700, 10 एमएम 46600, 12 एमएम 44700 रुपए। शर्मा 8 एमएम 47200, 10 एमएम 46300, 12 एमएम 44200 रुपए। शर्मा गर्डर 5 से 8 इंच 49500, चैनल 5 से 6 इंच 49500 से 50000 रुपए।