खाने के तेल एवं देशी घी में उपभोक्ता मांग नगण्य
जीएसटी लगने के बाद व्यापार में लगातार गिरावट
जयपुर, 7 अगस्त। कमजोर कारोबार के चलते थोक बाजारों में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है। खाने के तेल, देशी एवं वनस्पति घी, आटा, मैदा, सूजी, बेसन एवं किराना-मेवा जैसी खाद्य जिंसों में ग्राहकी नगण्य बनी हुई है। ब्रोकर दिनेश जाजू कहते हैं कि ऐसा समय कभी नहीं देखा। नोट बंदी व जीएसटी लगने के बाद व्यापार चल ही नहीं पा रहा है। तेल-घी के कारोबारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। कारोबारी रोहित तांबी ने बताया कि देशी घी के खरीदार जैसे गायब हो गए हैं। खाने के तेलों में उपभोक्ता मांग नहीं के बराबर है। इस बीच मंगल खोपरा पाउडर थोक में 25 रुपए घटकर 4950 रुपए प्रति 25 किलो रह गया। बेबी केसर तीन रुपए की बढ़ोतरी के साथ 100 रुपए प्रति ग्राम बेची जा रही थी। दीपा ब्रांड गोला 210 रुपए प्रति किलो पर मंदा बिका। उधर मांग निकलने से पोस्तदाना में मामूली तेजी दर्ज की गई। सफेद तिल्ली एवं बंगाल तिल्ली में 300 रुपए प्रति क्विंटल निकल गए। इनके भाव क्रमश: 9700 रुपए तथा 6200 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए। चना मंदा होने से बेसन तीन रुपए प्रति किलो सस्ता हो गया। मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं 2050 रुपए प्रति क्विंटल पर लगभग स्थिर रहा।