क्रूड ऑयल मार्केट क्रैश, मगर पेट्रोल सस्ता नहीं होगा
जयपुर, 21 अप्रैल। अमेरिकी क्रूड ऑयल प्राइस गिरकर जीरो डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं। ऐसे में अगर आप ये उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि आपको भी पेट्रोल कीमतों में राहत मिलेगी तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। अपने इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब अमेरिकी क्रूड प्राइस टूटकर इस लेवल पर आ गया है। वहीं इंटरनेशनल बेंचमार्क ब्रेंट अपने कई साल के निचले स्तर पर आ गया। ब्रेंट क्रूड 26 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है, लेकिन उपभोक्ता को इसका फायदा नहीं मिलेगा। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे बड़े शहरों को छोड़ दें तो फ्यूल रिटेलर्स एक महीने से लंबे समय तक अपनी कीमतों में कोई बदलाव नहीं करते हैं। दरअसल राज्यों में जीएसटी ज्यादा है। लिहाजा रिटेलर्स बड़े शहरों की तरह रोज-रोज दाम नहीं बदलते हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछली बार 16 मार्च को कटौती की गई थी। यानी पिछले 36 दिनों से इसकी रेट में कोई कमी नहीं की गई है।
2020 की शुरुआत से अब तक ब्रेंट ऑयल प्राइस करीब 60 फीसदी तक गिर गया है। जबकि इसके मुकाबले 11 जनवरी के पीक से अब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सिर्फ 10 फीसदी की कमी आई है। लॉकडाउन के कारण देश भर में औद्योगिक गतिविधियां बंद है। इसकी वजह से पेट्रोल-डीजल की डिमांड में 60 फीसदी तक की कमी आ चुकी है। ऐसे में रिफाइनिंग कंपनियों को भी अपने इनवेंटरी लॉस से निपटने के लिए प्रोडक्शन घटाना पड़ रहा है। क्रूड प्राइस में बड़ी गिरावट की वजह से इंटरनेशनल रिफाइंड प्रॉडक्ट की कीमतों में भी गिरावट आई है। गैसोलिन और जेट फ्यूल का मार्जिन काफी कम हो गया है। जबकि डीजल का मार्जिन अपने कई साल के निचले लेवल यानी 6 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। हालांकि अभी भी डोमेस्टिक मार्जिन इंटरनेशनल से बेहतर है।