ऊंचे भावों से बिनौला खल में 300 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट
एनसीडैक्स पर मार्च डिलीवरी 2574 रुपए प्रति क्विंटल पर हो रहा व्यापार
जयपुर, 9 मार्च। प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र एवं तेलंगाना की कृषि उपज मंडियों में कपास की आवक बढ़ने से इन दिनों बिनौला की उपलब्धता बढ़ी है। यही कारण है कि बिनौला खल की कीमतों पर भी दबाव बना हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देश भर की मंडियों में कपास की दैनिक आवक बढ़कर करीब डेढ़ लाख गांठ पहुंच गई है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के दाम काफी नीचे आए हैं। इस कारण भी बिनौला में तेल मिलों की डिमांड अपेक्षाकृत कमजोर चल रही है। परिणामस्वरूप जयपुर मंडी में बिनौला खल कीमतें टूट गईं हैं। डेढ़ माह के दौरान हाजिर में ऊंचे भावों से बिनौला खल लगभग 300 रुपए प्रति क्विंटल सस्ती हो गई है। एनसीडैक्स में भी बिनौला खल मार्च डिलीवरी के भाव 2574 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बोले जा रहे हैं। सत्य ट्रेडिंग कंपनी के दिनेश वैद ने बताया कि चालू सीजन में कपास का उत्पादन अनुमान पिछले साल की तुलना में ज्यादा बैठ रहा है। नया सीजन शुरू होने तथा पशु आहार निर्माताओं की मांग कमजोर होने से जयपुर मंडी में बिनौला खल के हाजिर भाव 3250 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं। बिजाई रकबा बढ़ने तथा अनुकूल मौसम होने के कारण कपास का उत्पादन बढ़ने की संभावना बताई जा रही हैं। अमरावती मंडी में बिकवाली के चलते बिनौला खल 350 रुपए प्रति क्विंटल टूट गई है। उधर महाराष्ट्र एवं गुजरात की मंडियों में ग्राहकी कमजोर होने से बिनौला खल के भावों में मंदी का रुख देखा जा रहा है। सटोरियों की बिकवाली के चलते एनसीडैक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा में भी मंदी रही। गौरतलब है कि उत्पादक राज्यों में रबी फसलों की आवक बढ़ने से किसानों की कपास में बिकवाली बढ़ी है। ऐसे में उम्मीद है कि अभी बिनौला एवं बिनौला खल की कीमतों में और गिरावट आ सकती है।