उत्पादन बेपड़ता होने से देशी घी एवं दूध पाउडर में निरंतर तेजी
कच्चे दूध की भारी कमी होने से निर्माता कंपनियों ने भाव बढ़ाए
जयपुर, 15 फरवरी। उत्पादन लागत बढ़ने से देशी घी और स्किम्ड् मिल्क पाउडर (एसएमपी) के भाव और उछल गए हैं। एक सप्ताह के दौरान ब्रांडेड घी में 150 से 200 रुपए प्रति टिन की तेजी दर्ज की गई है। इसी प्रकार एसएमपी 10 से 15 रुपए प्रति किलो महंगा बोला गया। बंगाल टाइगर एसएमपी के भाव मंगलवार को 295 रुपए प्रति किलो पहुंच गए। महान देशी घी 150 रुपए उछलकर 6570 रुपए प्रति 15 किलो बिकने की खबर थी। गौरतलब है कि बीते सप्ताह उत्तर भारत के प्लांटों में कच्चे दूध की आपूर्ति घटने तथा सभी दुग्ध उत्पाद महंगे हो जाने से ब्रांडेड घी में निरंतर तेजी का रुख बना हुआ है। जानकारों का कहना है कि कच्चे दूध की भारी कमी होने से निर्माता कंपनियां घी एवं दूध पाउडर के भाव लगातार बढ़ा रही हैं। पिछले कई वर्षों से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु एवं राजस्थान की कोपरेटिव डेयरियों के माल सस्ते पड़ रहे थे। परिणामस्वरूप उत्तर भारत की कंपनियों को मजबूरी में भाव घटाकर घी बेचना पड़ रहा था। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ऊंचे भाव होने से एसएमपी के एक्सपोर्ट में भी इजाफा हुआ है। कोविड-19 के कारण कंपनियों में घी का उत्पादन भी पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है। यही कारण है कि दूध पाउडर एवं घी के बाजार लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अभी भी बाजार में धारणा मजबूती की बनी हुई है। बाजार के जानकार बताते हैं कि उत्पादन कम होने से कोपरेटिव एवं प्राइवेट सेक्टर की डेयरियों में घी का स्टॉक नहीं हो पाया है। गर्मियों में यही स्थिति रही तो देशी घी में तेजी किसी भी हालत में नहीं रुक सकेगी। विशेषज्ञ बताते हैं कि 48 रुपए का लिक्विड् दूध खरीदकर 6500 रुपए प्रति 15 किलो का घी पड़ते में नहीं आ रहा है।