कोविड-19 के चलते सरसों तेल की मांग में निरंतर इजाफा
देशी घी एवं रिफाइंड तेल की बिक्री में निरंतर गिरावट
जयपुर, 13 जून। सरसों तेल की कीमतें इन दिनों काफी उछलने के बावजूद कोरोनाकाल में सरसों तेल की डिमांड में कोई कमी नहीं आई है। अलबत्ता देशी घी एवं रिफाइंड तेल की बिक्री निरंतर गिर रही है। एंटी बैक्टीरिया तथा एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से युक्त सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए इम्युनिटी बढ़ाने वाला साबित हुआ है। श्री हरि एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चीफ मार्केटिंग ऑफीसर शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि सरसों का तेल निकालने के लिए सरसों के दानों को कम तापमान पर क्रश किया जाता है, जिससे इसमें प्राकृतिक गुण विद्धमान रहते हैं। सदियों से सरसों के तेल का उपयोग खाद्य तेल के साथ-साथ सभी प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इसके दुष्प्रभावों के संबंध में अनुसंधान द्वारा उत्पन्न होने वाली सामयिक शंकाओं के बावजूद भारत भर में कई घरों में इसका स्थान बरकरार बना हुआ है। इसका विशिष्ट तीखा स्वाद अधिकांश भोजन के लिए अपने आप में काफी बेहतर है। सिंह ने कहा कि जयपुर का अशोका कच्ची घाणी सरसों का तेल मौजूदा समय में सबसे ज्यादा गुणवत्ता पूर्ण और स्वास्थ्य लाभ वाला तेल आम जनता के लिए स्वीकार्य पाया गया है। इस बीच सरसों के दामों में लगातार मंदी आने से इसकी कीमतों में भी मंदी आने लगी है। सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव सप्ताहांत में और नीचे आकर 6800 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं। सोमवार को सरसों में और गिरावट के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं।