मंडियों में आपूर्ति घटने से चना 200 रुपए उछला
अकोला व जलगांव की दाल मिलों में स्टॉक नहीं
जयपुर, 12 नवंबर। त्योहारी मांग निकलने तथा मंडियों में उपलब्धता घटने से स्थानीय थोक बाजारों में चना फिर महंगा हो गया है। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी चने के भाव दो दिन में 200 रुपए उछलकर 5400 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गए हैं। इसी प्रकार बुधवार को मीडियम चना दाल भी इतनी ही तेजी के साथ 6250 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक गई। इस समय राजस्थान की बीकानेर, नोहर, भादरा, सवाईमाधोपुर, तारानगर एवं चूरू लाइन में देशी चने की आवक घटकर नाममात्र की रह गई है। मंडियों में केवल स्टॉक के माल ही आ रहे हैं। उधर मध्य प्रदेश की ग्वालियर एवं इंदौर लाइन में भी चने की आवक घट गई है। महाराष्ट्र में कीमतें ऊंची रहने की वजह से दिल्ली के पड़ते नहीं लग रहे हैं। अकोला एवं जलगांव लाइन की दाल मिलों में भी इस साल चने का स्टॉक नहीं है। सिंघल दाल मिल के कमल अग्रवाल ने बताया कि स्टॉक कम होने से चने में मंदी के आसार नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो सटोरिये 7000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव चना बिकवाने के फेर में हैं। मगर ये कहा जा सकता है कि नया चना आने तक इसके भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल क्रॉस कर सकते हैं। अग्रवाल ने कहा कि इस बार सरकार द्वारा केन्द्रीय पूल में 21.50 लाख टन के आसपास चने की खरीद की गई थी। जिसमें विभिन्न योजनाओं के चलते देश के सभी राज्यों में चना निशुल्क या सस्ती दरों पर बांटा जा रहा है। परिणामस्वरूप केन्द्रीय पूल में बफर स्टॉक का माल भी काफी निकल गया है। नई फसल आने में अभी करीब चार माह का समय शेष है। नई फसल से पूर्व खपत के लिए करीब 35 लाख टन चने की जरूरत रहेगी। लिहाजा कहा जा सकता है कि चने में मंदी के आसार नहीं हैं।