बेसन एवं दाल की फैस्टिव डिमांड से महंगा हो सकता है चना
मिल डिलीवरी चना 5500 रुपए तथा दाल 6400 रुपए प्रति क्विंटल
जयपुर, 17 सितंबर। उत्पादन केन्द्रों पर इन दिनों चने की आवक में धीरे-धीरे कमी आती जा रही है। आयात पड़ता भी किसी देश से नहीं लग रहा है। चने की नई पैदावार आने में अभी छह-सात माह का समय बाकी है। इसे देखते हुए चने की कीमतों में फिलहाल लंबी मंदी के आसार नहीं हैं। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी चना शुक्रवार को 5500 रुपए तथा मीडियम चना दाल 6400 रुपए प्रति क्विंटल बोली गई। जयपुर दाल मिलर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा कि आगे आने वाले महीनों में चना दाल एवं बेसन की त्योहारी मांग बनी रहेगी, जबकि राजस्थान में नया चना मार्च से पहले नहीं आएगा। ऐसी स्थिति में चने में मजबूती बनी रह सकती है। मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, बीनागंज, ग्वालियर तथा जबलपुर आदि मंडियों में चने की आवक का प्रैशर नहीं है। इसी प्रकार राजस्थान की मंडियों में भी आवक लगभग समाप्ति की ओर है। उधर ऑस्ट्रेलिया सहित किसी भी देश से चने का आयात पड़ता नहीं लग रहा है। सरकार द्वारा स्टॉक सीमा बढ़ा दिए जाने के बाद दिल्ली में लॉरेंस रोड पर चना 5600 रुपए प्रति क्विंटल बिक गया था। मगर वायदा बाजार टूट जाने से इसके भाव फिर नीचे आ गए हैं। अग्रवाल ने बताया कि अगले माह मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में चने की बिजाई शुरू होगी तथा नया माल मार्च-अप्रैल में आएगा। लिहाजा कहा जा सकता है कि नवंबर एवं दिसंबर तक चने में अच्छी तेजी बन सकती है।