ई-सेशन के लिए विकास मंत्रालय एवं बीएसडीयू में गठजोड़
जयपुर, 28 अप्रैल। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एआईसीटीई ने देश भर के इंस्टीट्यूशंस ऑफ इनोवेशन काउंसिल्स (आईआईसी) के साथ भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) के स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स को अपने साथ जोड़ने का एलान किया है। यह जुड़ाव उन छात्रों के लिए ई-सेशन शुरू करने से संबंधित है, जो कोविड-19 की वजह से लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण नियमित कक्षाओं में भाग नहीं ले पा रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ऐसे छात्रों को अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए ई-एक्टिविटीज शुरू करने के निर्देश दिए हैं। भारत सरकार के निर्देशों की अनुपालना में एमआईसी ने वर्ष 2019-2020 के लिए 15 ई-सेशन आयोजित करने का कार्यक्रम तय किया है। ये ई-सेशन इनोवेशन, आईपीआर, उद्दमिता और स्टार्टअप के विभिन्न विषयों पर आयोजित किए जाएंगे और इस तरह लॉक डाउन अवधि के दौरान समय और संसाधनों का उपयोग किया जा सकेगा।
एमएमआईसी के प्रयासों के साथ, एमएचआरडी ने 1800 से अधिक एचईआई परिसरों में सुव्यवस्थित और मजबूत इनोवशन और एंटरप्रेन्योरशिप ईको सिस्टम की स्थापना के लिए एक बहुत ही सफल मॉडल बनाया गया है। इस दिशा में ई-एक्टिविटीज के रूप में 15 ई-सेशन जो 28 अप्रैल 2020 यानी आज से शुरू होंगे, क्यू 3 और क्यू 4 की फिजिकल एक्टिविटीज का स्थान लेंगे। इसके अलावा, क्यू 3 और क्यू 4 दोनों को एक में विलय कर दिया जाएगा। इन ई-एक्टिविटीज के बारे में रिपोर्ट आईआईसी पोर्टल पर प्रस्तुत की जाएगी। ये गतिविधियाँ आईआईसी-एमआईसी द्वारा आयोजित की जा रही हैं। ई-सत्रों के लिए नामांकन बिना किसी पूर्व पंजीकरण के पूरी तरह से निशुल्क है और इसे किसी भी स्मार्ट फोन, लैपटॉप या डेस्कटॉप से एक्सेस किया जा सकता है।
ई-सेशन का विवरण आईआईआईसी की वेबसाइट (https://mic.gov.in/iicwebinar.php) से हासिल किया जा सकता है। ये सेशन एमएचआरडी के इनोवेशन सैल यूट्यूब चैनल पर लाइव होंगे। सेशन के उपरांत प्रतिभागी पीपीटी डाउनलोड कर सकते हैं और ई-भागीदारी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए उन्हें उस विशेष ई-सत्र के संचालन की तारीख से 4 कार्य दिवसों के भीतर ई-मूल्यांकन फॉर्म जमा कराना आवश्यक होगा (आईआईसी कैलेंडर वर्ष 2019-20 के अंत तक यानी जून 2020 तक जारी किया जाएगा)। संकाय, छात्र और गैर-शिक्षण कर्मचारी ई-सत्र में शामिल हो सकते हैं। बीएसडीयू के प्रो चांसलर ब्रिगेडियर डॉ. एस.एस. पाब्ला ने कहा, ‘‘वर्तमान संकटपूर्ण दौर में समय का सदुपयोग करते हुए हम आईआईसी के प्रयासों के साथ इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप ईको सिस्टम को सुव्यवस्थित कर रहे हैं।‘‘