कंपनियों का परिचालन बंद होने से आपूर्तिकर्ताओं की चिंता बढ़ी
जयपुर, 31 मार्च। (ब्यूरो रिपोर्ट) भारतीय कंपनियों द्वारा परिचालन बंद किए जाने से उनके विक्रेताओं और आपूर्तिकर्ताओं की चिंता बढ़ गई है। इन कंपनियों को नकदी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। कई आपूर्तिकर्ताओं और विक्रेताओं ने कोरोनावायरस महामारी की वजह से भुगतान प्राप्त नहीं होने की बात कही है। मुंबई की एक फर्म के प्रमुख ने बताया कि फिलहाल हमने अपने स्टाफ को मार्च महीने का वेतन चुका दिया है। पर अगले महीने स्थिति कैसी रहेगी, ये नहीं पता। एक एयरलाइन के लिए आपूर्तिकर्ता ने कहा कि उसे भुगतान को लेकर अगले कुछ महीनों तक धैर्य बनाए रखने को कहा गया है, क्योंकि एयरलाइन बंद पड़ी है। आपूर्तिकर्ता ने कहा, ‘वैसे भी आपूर्तिकर्ताओं और विक्रेताओं को कुछ महीने के अंतराल पर भुगतान मिलता है। अब नए संकट के साथ विक्रेताओं को और ज्यादा लंबा इंतजार करने को कहा गया है।’ उन्होंने कहा कि साथ ही कई विक्रेता कंपनियों के कारखाने और कार्यालय भी बंद हैं और ताजा आपूर्ति ग्राहकों को नहीं की जा रही है।
उदाहरण के लिए भारत की सबसे बड़ी वाहन कलपुर्जा आपूर्तिकर्ताओं में से एक मदरसन सूमी ने भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद अपनी सभी निर्माण इकाइयों को बंद कर दिया है। संयंत्रों को बंद रखने या कम परिचालन किए जाने की अवधि सरकार की नीतियों और निर्देशों पर निर्भर करेगी। हालांकि टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, बजाज ऑटो के वाहन कलपुर्जा आपूर्तिकर्ताओं का कहना है कि उन्हें भुगतान में विलंब के संबंध में अभी कोई सूचना नहीं मिली है। वाहन कलपुर्जा कंपनियों के वरिष्ठï अधिकारियों का कहना है कि इसके विपरीत कई वाहन निर्माताओं ने समय पर भुगतान का मौखिक तौर पर आश्वासन दिया है। गुरुग्राम स्थित वाहन कलपुर्जा कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘जहां तक भुगतान हासिल होने का सवाल है तो अब तक, हालात खराब नहीं है।’ अब तक सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है। वाहन कलपुर्जा निर्माताओं के संगठन (एसीएमए) ने इस संकट के समय में विक्रेताओं के भुगतान में विलंब नहीं करने के लिए वाहन निर्माताओं को पत्र लिखा है।